वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />३१ जनवरी, २०१७<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />मैं पाया है मैं पाया है,<br /><br />तैं आप सरूप बताया है,<br /><br />कहूं तुर्क किताबाँ पढ़ते हो,<br /><br />कहूं घोर घूँघट में पड़ते हो,<br /><br />हर घर-घर लाड़ लड़ाया है।<br /><br />~ संत बुल्ले शाह<br /><br />प्रसंग:<br />मैं पाया है मैं पाया है", संत बुल्लेशाह किस पाने की बात कर रहे है?<br />संत बुल्लेशाह की भजन को कैसे गाये?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते